Monday, December 14, 2009

खट्टास

रिश्तो में खट्टास ऐसी आई

शहद सी घुली बातों में भी

करेले की कडवाहट नजर आई

रिश्ते जो लगते थे मिश्रि से मीठे

लग रहे निम् से कडवे अब

ऐसी क्या बात हो आई

बातों में जहर की महक चली आई

चाहत की जगह नफरत चली आई

No comments:

Post a Comment