Monday, March 29, 2010

राह गुजर

दिल फ़िदा तुम पे मर मिटा

तरस रहे नयन तड़प रहा मन

तुम बिन अब चैन कहा

ओ मेरी राह गुजर

ओ मेरी शामे शहर

सुनले तू दिल की वफा

हो गया है ये तुझ पे फ़िदा

आके बाहों में दुनिया भुला जा

आ आजा , आके दिल में समां जा

ओ मेरी राह गुजर

ओ मेरी शामे शहर

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