Friday, March 4, 2011

विवशता

पूछता हु कई बार मैं खुदा से

आती जब मेरी बारी

लाचार क्यों हो जाते हो तुम तब

विवशता ऐसी भी क्या बन बन आती है

फ़रियाद मेरी तुमको सुनाई भी नहीं आती है

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