Tuesday, June 14, 2011

कलम की ताकत

कथा है दो वीर योद्धाओं की

जंग लड़ी जिन्होंने सुरवीरों सी

सुन अवाम की आवाज़

विद्रोह कर दिया दोनों ने

प्रशासन के खिलाफ

कूद पड़े जंग ऐ मैदान

एक ने थामी थी तलवार

तो दूजे ने कलम को बना लिया अपना हथियार

पहले योद्धा का लड़ते लड़ते

रण भूमि हो गया बलिदान

कुचल दिया प्रशासन ने

हिंसा से भरा क्रांति मार्ग

पर दूजे ने कलम से बदल दिया इतिहास

जाग गयी चेतना

पढ़ क्रांतिवीर के सुन्दर विचार

उमड़ गया सड़कों पर जनता का सैलाब

अपने घुटने नतमस्तक हो गयी सरकार

देख रक्तविहीन क्रांति का आगाज

जीत गयी कलम हार गयी तलवार

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