Friday, December 9, 2011

पहली मुलाक़ात

वो पहली मुलाक़ात

जैसे पहली बारिस का अहसास

था आँखों को किसीका इन्तजार

जैसे सावन को बारिस की आस

जिया धड़क रहा था बार बार

देख सनम को आस पास

जैसे कह रहा हो चाँद

बिन चांदनी मेरा क्या है अहसास

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