Saturday, August 25, 2012

एक अल्पविराम

अल्पविराम  क्या लिया

शिथिल  जिन्दगी पड़ गयी

उफनते सैलाब को

ठहराव की वजह मिल गयी

जोश मंद हो गया

जूनून वो जाने कहा खो गया

वजह जो जीने की थी

मंजिल मिलने से पहले ही

राह भटक गयी

एक अल्पविराम ने

सारी कायनात बदल डाली

जीने के लिए आलस का त्याग करने की

नसीहत दे डाली

 

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