Sunday, June 11, 2017

दो जाम

पिला दिए उन्होंने आँखों के जब दो जाम

हो गयी मदहोश रूह की चाल

फ़ना हो गया साया भी ख़ास

मटकायें उन्होंने जब नयनों के ताव

चढ़ गया सुरूर नशे का

पेंच लड़ गए जब उनके कजरों के साथ

ऐसी बरस रही मदिरा उनके नजरों के साथ

पीछे छूट गयी जिन्ने मधुशाल की हर बार

पैमाने छलक रहे अब इस दिल के

उनके नयनों के मयखानों के साथ

उनके नयनों के मयखानों के साथ

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